Thursday, 22 March 2018

सीता कळ्याण वैभोगमे 
रामा कळ्याण वैभोगमे

पवन जा स्तुति पात्र पावन चरित्र 

रवि सोम वर नेत्र रमणीय गात्र (सीता)

भक्त जन परिपाल भरित शर जाला
भुक्ति मुक्तिद लील भूदेव पाल (सीता)


पामरा सुर भीम परिपूर्ण कामा
श्याम जगदभि राम साकेत धामा (सीता)


सर्व लोकाधार समरैक वीरा
गर्व मानव दूर कनकाग धीरा (सीता)


निगमागम विहार निरुपम शरीर
नग धराघ विदार नत लोका धारा (सीता)


परमेश नुत गीत भव जलधि पोता
तरणि कुल सञ्जात त्यागराज नुत (सीता)

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