Wednesday, 21 August 2019


सुखकर्ता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नांची
नुरवी; पुरवी प्रेम, कृपा जयाची
सर्वांगी सुंदर, उटी शेंदुराची
कंठी झळके माळ, मुक्ताफळांची
जय देव, जय देव जय मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मन कामना पुरती
रत्नखचित फरा, तुज गौरीकुमरा
चंदनाची उटी , कुमकुम केशरा|
हिरेजडित मुकुट, शोभतो बरा
रुणझुणती नूपुरे, चरणी घागरिया|
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती
लंबोदर पीतांबर, फणिवरबंधना
सरळ सोंड, वक्रतुंड त्रिनयना|
दास रामाचा, वाट पाहे सदना| संकटी पावावे, निर्वाणी रक्षावे, सुरवरवंदना|
जय देव जय देव, जय मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती
शेंदूर लाल चढायो अच्छा गजमुखको ||
दोंदिल लाल बिराजे सुतगौरीहरको
हाथ लिए गुड-लड्डू साईं सुरवरको || 
महिमा कहेना जाय लागत हूँ पदको ||
 जय जय श्री गणराज विध्यासुखदाता || 
धन्य तुस्हारो दर्शन मेरा मन रमता || जय देव, जय देव
अष्टो सिद्धि दासी संकटको बैरी || 
विघनाविनाशन मंगल मूरत अधिकारी ||
कोटि सूरजप्रकाश ऐसी छबि तेरी || 
गंड-स्थल मदमस्तक झूले शाशिहारी
जय जय श्री गणराज विध्यासुखदाता || 
धन्य तुस्हारो दर्शन मेरा मन रमता || जय देव, जय देव
भावभगत से कोई शरणागत आवे || 
संतति सम्पति सब ही भरपूर पावे ||
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे || 
गोसावी नंदन निशिदिन गुण गावे
जय जय श्री गणराज विध्यासुखदाता || 
धन्य तुस्हारो दर्शन मेरा मन रमता || जय देव, जय देव

No comments:

Post a Comment